साइबर ठगों ने पीड़ितों के रिश्तेदारों की आवाज बनाकर उन्हें ठग लिया। दो मामलों में साढ़े चार लाख की ठगी हुई है। दोनों ही मामलों में पीड़ित कॉलरों के झांसे में आ गए और उनकी आवाज से फ्रॉड कर रहे।
सावधान! साइबर ठग भांजा-भाई बनकर आपकी मेहनत की कमाई ठग सकते हैं। अगर आप इसको लेकर जागरूक नहीं हैं तो सर्तक हो जाएं। अब तराई में भी ऐसे मामले सामने आने लगे हैं। खासतौर पर कस्बों के लोगों को साइबर ठग अपना सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं। सीमांत क्षेत्र खटीमा में ठगी के ऐसे ही दो मामले सामने आए हैं।
इसमें साइबर ठगों ने पीड़ितों के रिश्तेदारों की आवाज बनाकर उन्हें ठग लिया। दो मामलों में साढ़े चार लाख की ठगी हुई है। दोनों ही मामलों में पीड़ित कॉलरों के झांसे में आ गए और उनकी आवाज से गच्चा खाकर अपने रिश्तेदारों की आवाज समझकर मोटी रकम साइबर ठगों को भेज दी।
केस नंबर-1
कथित भांजा बनकर एक लाख का लगा दिया चूना
खटीमा। भांजा बताकर एक व्यक्ति से एक लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पूरनापुर निवासी मलकीत सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि उसके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई।
कॉलर ने खुद को उसका भांजा युवराज सिंह बताया। घर के हालचाल पूछते हुए कहा कि वह उनके मोबाइल पर एक लाख रुपये भेज रहा है। तब तक वह दिल्ली के एक मोबाइल नंबर में एक लाख रुपये पेटीएम कर दें। उसे पैसे की तुरंत जरूरत है। उसने तत्काल इधर-उधर से उधार रुपये लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में एक लाख रुपये अपने एसबीआई के खाते से भेज दिए।
इसी बीच उसने उसके नंबर पर एक लाख रुपये भेजने का मैसेज भेज दिया। जबकि उसके खाते में रकम नहीं आई। इसके बाद उसे ठगी का अहसास हुआ। वहीं इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। एसएसआई अशोक कुमार ने बताया कि मामले की जांच उप निरीक्षक अशोक कांडपाल को सौंपी गई है।
केस नंबर-2
मौसी का बेटा बताकर लगा दी साढ़े तीन लाख की चपत
मौसी का बेटा बताकर एक व्यक्ति से साढ़े तीन लाख की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सुनपहर निवासी जसविंदर सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि 29 मई 2023 को उसके मोबाइल पर एक कॉल आई।
कॉलर ने कहा कि वह उसकी मौसी का बेटा बोल रहा है। आवाज मिलने के कारण उसे लगा कि वह उसका रिश्तेदार है। कॉलर ने बेहद सख्त जरूरत होने की बात कहते हुए उससे साढ़े तीन लाख रुपये देने को कहा। इस पर उसने अलग-अलग नम्बरों पर गूगल पे कर तीन लाख पचास हजार रुपये दे दिए।
बाद में जब उसने पूरी मालूमात की तो उसे ठगी का अहसास हुआ। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसएसआई अशोक कुमार ने बताया कि मामले की जांच सत्रहमील पुलिस चौकी प्रभारी ललित बिष्ट को सौंपी है।
झांसे में लेकर साइबर ठग करते हैं ठगी
साइबर थाना प्रभारी ललित जोशी ने कहा है कि साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि हरियाणा और राजस्थान से कई साइबर ठग उत्तराखंड को टारगेट कर साइबर ठगी कर रहे हैं। यह लोग कॉल कर लोगों को किसी परिचत या नजदीकी रिश्तेदार होने का आभास दिला देते हैं।
कई लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और कई लोग झांसे में नहीं आते हैं। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इटेलीजेंसी के जरिए ठगी का भी नया ट्रेंड तेजी से आ रहा है। किसी मामले में इस तकनीक का इस्तेमाल हुआ है या नहीं, यह विस्तृत जांच के बाद ही पता चलता है।
अंजान नंबर से कॉल आने पर पूरी पड़ताल करके ही कोई लेनदेन करना चाहिए। खटीमा में नए तरीके से हुई साइबर ठगी के दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।
अशोक कुमार, एसएसआई, खटीमा कोतवाली