चलने-फिरने में असमर्थ शीतल ने समुद्रतल से 19हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित माउंट यूटी कांगड़ी चोटी का सफल आरोहण कर नया कीर्तिमान रचा है। वर्ष 2022 के दौरान एवरेस्ट विजेता शीतल चोटिल हो गईं थीं।
जीवन के मुश्किल हालातों से लड़कर, मेहनत और जुनून से कामयाबी की नई कहानी लिखने वाली बॉलीवुड की असल जीवन पर आधारित 12वीं फेल फिल्म लोगों के लिए प्रेरणास्रोत का काम कर रही है। जिंदगी में सब कुछ खत्म होने की सोच रखने वाली सीमांत की पर्वतारोही शीतल के भीतर भी इस फिल्म ने अपने जीवन को रिस्टार्ट करने का जज्बा भरा।
परिणामस्वरूप ठीक से चलने-फिरने में असमर्थ शीतल ने समुद्रतल से 19हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित माउंट यूटी कांगड़ी चोटी का सफल आरोहण कर नया कीर्तिमान रचा है। वर्ष 2022 के दौरान नगर की सल्मोड़ा निवासी एवरेस्ट विजेता शीतल स्कीइंग के दौरान चोटिल हो गई। इससे उनके बाएं पैर के घुटने में गंभीर चोट आई।
लिगामेंट ऑपरेशन के बाद उनका पैर ठीक तो हो गया है, लेकिन सामान्य लोगों की तरह चलना-फिरना उनके लिए मुश्किल हो गया। दो साल तक वह बिस्तर पर रहीं। इस स्थिति के बाद ऊंची-ऊंची चोटियों का आरोहण तो वह भूल ही गई थी। ऐसे में कुछ माह पूर्व रिलीज हुई 12वीं फेल फिल्म उनके जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आई।
फिल्म के एक दृश्य, जिसमें कलाकार सफलता न मिलने पर फिर से रिस्टार्ट करने की बात कहता है, उससे इतना प्रभावित हुई कि उन्होंने भी अपने जीवन को रिस्टार्ट करने का मन बना लिया। अपनी मेहनत और जज्बे से उन्होंने लद्दाख स्थित माउंट यूटी कांगड़ी की ऊंची चोटी को बोना साबित कर दिया। वह बीते 23जनवरी को देहरादून से आरोहण पर निकली और 29जनवरी को शीतल ने अपने कदम माउंट यूटी कांगड़ी के शिखर पर रखे।
अगला लक्ष्य माउंट धोलागिरी और माउंट चोयू
पिथौरागढ़। पर्वतारोही शीतल का सपना दुनिया की आठ हजार मीटर ऊंची चोटियों पर आरोहण करना है। वह बताती हैं कि दुनिया में 14 पर्वत ऐसे हैं, जिनकी ऊंचाई आठ हजार मीटर है। पांच चोटियां पाकिस्तान में होने से भारतीय नौ ही पर्वतों में आरोहण करते सकते हैं। उनका अगला लक्ष्य अब माउंट धोलागिरी और माउंट चोयू पर आरोहण करना है। इस वर्ष ही वह अपने दो लक्ष्यों को पूरा करेंगी।
कई चोटियों को फतह कर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं शीतल
पिथौरागढ़। शीतल कई चोटियों को फतह कर सीमांत का नाम देश-दुनिया में रोशन कर चुकी हैं। उन्होंने अब तक माउंट कंचनजंगा, ऐवरेस्ट, अन्नपूर्णा आदि पर्वतों का आरोहण किया। इसके अलावा आदि कैलाश रेंज में माउंट चीपीदंग को लीड करने वाली शीतल ने खेलों इंडिया नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीता। उनकी इन उपलब्धियों को देखते हुए तीलू रौतेली, कुमाऊं आईकॉन, तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
ऑल वूमेन एक्सपीडिशन फिर से होगा शुरू
पिथौरागढ़। पर्वतारोहण के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एवरेस्ट विजेता योगेश गर्ब्याल और शीतल ने पूर्व में ऑल वूमेन एक्सपीडिशन कार्यक्रम का संचालन शुरू किया। इसके तहत वह महिलाओं को पर्वतारोहण की बारीकियां सीखाते और आरोहण कराते। शीतल के पैर में चोट लगने के बाद इस मुहिम पर भी रोक लग गई। शीतल का कहना है कि अब वह फिर से इस पर कार्य करेंगी।